SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

Shiv Chalisa can be a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in eradicating hardships and obstructions in devotee’s lifestyle.

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

तब ही दुख प्रभु आप निवारा Shiv chaisa ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।

O Lord, the beloved daughter of Maina on your own remaining more info adds to the splendid physical appearance. O Wearer in the lion's pores and skin, the trishul as part of your hand destroys all enemies.

In periods such shiv chalisa in hindi as these in which existence happens to be so fast that we rarely uncover time to pray, Shiva Chalisa comes as a blessing for all of us.

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